जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-ए-तूफ़ाँ को By Sher << है लुत्फ़ हसीनों की दो-रं... अब घर के दरीचे में आएगी ह... >> जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-ए-तूफ़ाँ को तो नाख़ुदा पे भरोसा करो ख़ुदा की तरह Share on: