हिज्र के बा'द ये सोचो कि कहाँ जाओगे By Sher << अधर उधर मिरी आँखें तुझे प... बुतान-ए-सर्व-क़ामत की मोह... >> हिज्र के बा'द ये सोचो कि कहाँ जाओगे हम तो मर जाएँगे वैसे भी हमारा क्या है Share on: