जैसे बारिश से धुले सेहन-ए-गुलिस्ताँ 'अमजद' By Sher << मर्सिया हूँ मैं ग़ुलामों ... ख़ुदा जाने ये गर्दिश का त... >> जैसे बारिश से धुले सेहन-ए-गुलिस्ताँ 'अमजद' आँख जब ख़ुश्क हुई और भी चेहरा चमका Share on: