मर्सिया हूँ मैं ग़ुलामों की ख़ुश-इल्हामी का By Sher << ख़ौफ़ आँखों में मिरी देख ... जैसे बारिश से धुले सेहन-ए... >> मर्सिया हूँ मैं ग़ुलामों की ख़ुश-इल्हामी का शाह के हक़ में क़सीदा नहीं होने वाला Share on: