'अब्र' दुनिया को छोड़ जाने का By Sher << क्यूँ हाथ दिल से लगाते हो... आज इंसाँ को तपते सहरा में >> 'अब्र' दुनिया को छोड़ जाने का इक बहाना तलाश करना है Share on: