यक-ब-यक जाँ से गुज़रना तो है आसाँ 'अंजुम' By Sher << अगर आता हूँ साहिल पर तो आ... याद है क़िस्सा-ए-ग़म का म... >> यक-ब-यक जाँ से गुज़रना तो है आसाँ 'अंजुम' क़तरा क़तरा कई क़िस्तों में पिघल कर देखें Share on: