थक के बैठे हो दर-ए-सौम'अ पर क्या 'अनवर' By Sher << हर टूटे हुए दिल की ढारस ह... सैल-ए-गिर्या की बदौलत ये ... >> थक के बैठे हो दर-ए-सौम'अ पर क्या 'अनवर' दो-क़दम और कि ये ख़ाना-ए-ख़ुम्मार रहा Share on: