मेरी निगाह-ए-फ़िक्र में 'अनवर' By Sher << ज़िंदगी अपनी मुसलसल चाहतो... तेरी याद का हर मंज़र पस-म... >> मेरी निगाह-ए-फ़िक्र में 'अनवर' इश्क़ फ़साना हुस्न है उर्यां Share on: