तेरी याद का हर मंज़र पस-मंज़र लिखता रहता हूँ By Sher << मेरी निगाह-ए-फ़िक्र में &... कोई हमदम नहीं दुनिया में ... >> तेरी याद का हर मंज़र पस-मंज़र लिखता रहता हूँ दिल को वरक़ बनाता हूँ और शब भर लिखता रहता हूँ Share on: