अपने कूचे में मुझे रोने तो दे ऐ रश्क-ए-गुल By Sher << बरसों गुल-ए-ख़ुर्शीद ओ गु... ऐ बुतो दर-पर्दा तुम से ज़... >> अपने कूचे में मुझे रोने तो दे ऐ रश्क-ए-गुल बाग़बाँ पानी हमेशा देते हैं गुलज़ार को Share on: