अपना घर फिर अपना घर है अपने घर की बात क्या By Sher << चराग़-ए-इल्म रौशन-दिल है ... ऐ शाम-ए-ग़म की गहरी ख़मोश... >> अपना घर फिर अपना घर है अपने घर की बात क्या ग़ैर के गुलशन से सौ दर्जा भला अपना क़फ़स Share on: