ऐ शाम-ए-ग़म की गहरी ख़मोशी तुझे सलाम By Sher << अपना घर फिर अपना घर है अप... अब कहे जाओ फ़साने मिरी ग़... >> ऐ शाम-ए-ग़म की गहरी ख़मोशी तुझे सलाम कानों में एक आई है आवाज़ दूर की Share on: