अपना लहू यतीम था कोई न रंग ला सका By Sher << मिरा दिल भी तिलिस्मी है ख... हुस्न काफ़िर था अदा क़ाति... >> अपना लहू यतीम था कोई न रंग ला सका मुंसिफ़ सभी ख़मोश थे उज़्र-ए-जफ़ा के सामने Share on: