अपनी आवाज़ सुनाई नहीं देती मुझ को By Sher << रंज-ओ-ग़म सहने की आदत हो ... तफ़्सील-ए-इनायात तो अब या... >> अपनी आवाज़ सुनाई नहीं देती मुझ को एक सन्नाटा कि गलियों में बहुत बोलता है Share on: