रंज-ओ-ग़म सहने की आदत हो गई है By Sher << सीने पे कितने दाग़ लिए फि... अपनी आवाज़ सुनाई नहीं देत... >> रंज-ओ-ग़म सहने की आदत हो गई है ज़िंदा रहने के सलीक़े दे गया वो Share on: