अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को By एहसास, Sher << बर्क़ बाराँ तीरगी और ज़लज... मैं आख़िर आदमी हूँ कोई लग... >> अपनी हालत का ख़ुद एहसास नहीं है मुझ को मैं ने औरों से सुना है कि परेशान हूँ मैं Share on: