अपनी ज़ात के सारे ख़ुफ़िया रस्ते उस पर खोल दिए By Sher << औरतों की आँखों पर काले का... अपनी पहचान के सब रंग मिटा... >> अपनी ज़ात के सारे ख़ुफ़िया रस्ते उस पर खोल दिए जाने किस आलम में उस ने हाल हमारा पूछा था Share on: