नज़र गुम हो गई जल्वों में 'आरिफ़' By Sher << चाँद मेरे घर में उतरा था ... देखे न फ़क़ीरी को कोई शक ... >> नज़र गुम हो गई जल्वों में 'आरिफ़' अँधेरा कर दिया है रौशनी ने Share on: