आरिज़ पे रही ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम हमेशा By Sher << आतिशीं हुस्न क्यूँ दिखाते... सारे जज़्बों के बाँध टूट ... >> आरिज़ पे रही ज़ुल्फ़-ए-सियह-फ़ाम हमेशा पामाल रहा कुफ़्र का इस्लाम हमेशा Share on: