अश्क पलकों पे बिछड़ कर अपनी क़ीमत खो गया By Sher << कुछ इस तरह से लुटी है मता... 'अतीक़' बुझता भी ... >> अश्क पलकों पे बिछड़ कर अपनी क़ीमत खो गया ये सितारा क़ीमती था जब तलक टूटा न था Share on: