सीने के बीच 'साक़िब' ऐसा है मरना जीना By Sher << जिन को छू कर कितने 'ज... मरघट पथ पर देख के हम को ज... >> सीने के बीच 'साक़िब' ऐसा है मरना जीना इक याद जी उठी थी इक याद मर गई है Share on: