अता-ए-ग़म पे भी ख़ुश हूँ मिरी ख़ुशी क्या है By Sher << बिखरे हुए थे लोग ख़ुद अपन... मुश्किल था बहुत मेरे लिए ... >> अता-ए-ग़म पे भी ख़ुश हूँ मिरी ख़ुशी क्या है रज़ा तलब जो नहीं है वो बंदगी क्या है Share on: