अय्याम के ग़ुबार से निकला तो देर तक By Sher << इस दिल को किसी दस्त-ए-अदा... आदमियत के सिवा जिस का कोई... >> अय्याम के ग़ुबार से निकला तो देर तक मैं रास्तों को धूल बना देखता रहा Share on: