बचा लिया मुझे तूफ़ाँ की मौज ने वर्ना By Sher << गुलशन की फ़क़त फूलों से न... बाल खोले नहीं फिरता है अग... >> बचा लिया मुझे तूफ़ाँ की मौज ने वर्ना किनारे वाले सफ़ीना मिरा डुबो देते Share on: