बदन की आँच से सँवला गए हैं पैराहन By Sher << आसमाँ कहते हैं जिस को वो ... ख़ुश हैं तो फिर मुसाफ़िर-... >> बदन की आँच से सँवला गए हैं पैराहन मैं फिर भी सुब्ह के चेहरे पे शाम लिखता हूँ Share on: