ख़ुश हैं तो फिर मुसाफ़िर-ए-दुनिया नहीं हैं आप By आबला, Sher << बदन की आँच से सँवला गए है... जो हैं मज़लूम उन को तो तड... >> ख़ुश हैं तो फिर मुसाफ़िर-ए-दुनिया नहीं हैं आप इस दश्त में बस आबला-पाई है रोइए Share on: