बदन को रौंदने वालो ज़मीर ज़िंदा है By Sher << इस शहर में है कौन हमारा त... अभी ज़िंदा है माँ मेरी मु... >> बदन को रौंदने वालो ज़मीर ज़िंदा है जो हक़ की पूछ रहे हो तो हक़ अदा न हुआ Share on: