बड़े दिलचस्प वादे थे बड़े रंगीन धोके थे By Sher << चमकते ख़्वाब मिलते हैं मह... ऐ इंतिज़ार-ए-सुब्ह-ए-तमन्... >> बड़े दिलचस्प वादे थे बड़े रंगीन धोके थे गुलों की आरज़ू में ज़िंदगी शोले उठा लाई Share on: