बढ़ गई तुझ से मिल के तन्हाई By Sher << अब और देर न कर हश्र बरपा ... बदन की अंधी गली तो जा-ए-अ... >> बढ़ गई तुझ से मिल के तन्हाई रूह जूया-ए-हम-सुबू थी बहुत Share on: