बड़ों-बड़ों के क़दम डगमगाए जाते हैं By Sher << जब कोई फ़ित्ना-ए-अय्याम न... तुम्हारी राह में आँखें बि... >> बड़ों-बड़ों के क़दम डगमगाए जाते हैं पड़ा है काम बदलते हुए ज़माने से Share on: