बाग़ में लगता नहीं सहरा से घबराता है दिल By Sher << हम तो आशुफ़्ता-सरी से न स... फिर एक बार गुनाहों से हम ... >> बाग़ में लगता नहीं सहरा से घबराता है दिल अब कहाँ ले जा के बैठें ऐसे दीवाने को हम Share on: