फिर एक बार गुनाहों से हम ने की तौबा By Sher << बाग़ में लगता नहीं सहरा स... ग़रज़ किसी से न ऐ दोस्तो ... >> फिर एक बार गुनाहों से हम ने की तौबा फिर एक बार किया हम ने अपना काम शुरूअ' Share on: