बहर-ए-हस्ती सा कोई दरिया-ए-बे-पायाँ नहीं By Sher << बंदिश-ए-अल्फ़ाज़ जड़ने से... ब'अद फ़रहाद के फिर को... >> बहर-ए-हस्ती सा कोई दरिया-ए-बे-पायाँ नहीं आसमान-ए-नील-गूँ सा सब्ज़ा-ए-साहिल कहाँ Share on: