ब'अद फ़रहाद के फिर कोह-कनी मैं ने की By Sher << बहर-ए-हस्ती सा कोई दरिया-... अमरद-परस्त है तो गुलिस्ता... >> ब'अद फ़रहाद के फिर कोह-कनी मैं ने की ब'अद मजनूँ के किया मैं ने बयाबाँ आबाद Share on: