बहुत ज़ख़ीम किताबों से चुन के लाया हूँ By Sher << एक ही दाएरे में क़ैद हैं ... वो एक पल की रिफ़ाक़त भी क... >> बहुत ज़ख़ीम किताबों से चुन के लाया हूँ इन्हें पढ़ो वरक़-ए-इंतिख़ाब हैं मिरे दोस्त Share on: