बज़्म-ए-वफ़ा सजी तो अजब सिलसिले हुए By Sher << मैं वक़्त के कोहराम में ख... आज तुझ याद ने ऐ दिलबर-ए-श... >> बज़्म-ए-वफ़ा सजी तो अजब सिलसिले हुए शिकवे हुए न उन से न हम से गिले हुए Share on: