मैं वक़्त के कोहराम में खो जाऊँ तो क्या ग़म By Sher << इसी खंडर में मिरे ख़्वाब ... बज़्म-ए-वफ़ा सजी तो अजब स... >> मैं वक़्त के कोहराम में खो जाऊँ तो क्या ग़म ढूँडेगा ज़माना मिरी आवाज़ का चेहरा Share on: