खुला मकान है हर एक ज़िंदगी 'आज़र' By Sher << हम गिरफ़्तारों को अब क्या... आप को मेरे तआरुफ़ की ज़रू... >> खुला मकान है हर एक ज़िंदगी 'आज़र' हवा के साथ दरीचों से ख़्वाब आते हैं Share on: