हम गिरफ़्तारों को अब क्या काम है गुलशन से लेक By Sher << हँसी में कटती थीं रातें ख... खुला मकान है हर एक ज़िंदग... >> हम गिरफ़्तारों को अब क्या काम है गुलशन से लेक जी निकल जाता है जब सुनते हैं आती है बहार Share on: