बनाएँगे नई दुनिया हम अपनी By Sher << ये नगरी हुस्न वालों की अज... हमारा दिल तो ग़म में भी ख... >> बनाएँगे नई दुनिया हम अपनी तिरी दुनिया में अब रहना नहीं है Share on: