ये नगरी हुस्न वालों की अजब नगरी है ऐ हमदम By Sher << सभी इंसाँ फ़रिश्ते हो गए ... बनाएँगे नई दुनिया हम अपनी >> ये नगरी हुस्न वालों की अजब नगरी है ऐ हमदम कि इस नगरी में आहों की भी तासीरें बदलती हैं Share on: