बरहमन खोले हीगा बुत-कदा का दरवाज़ा By Sher << बस्तियाँ ही बस्तियाँ हैं ... बंदिश-ए-अल्फ़ाज़ जड़ने से... >> बरहमन खोले हीगा बुत-कदा का दरवाज़ा बंद रहने का नहीं कार-ए-ख़ुदा-साज़ अपना Share on: