बरसात का मज़ा तिरे गेसू दिखा गए By Sher << कोई बरसा न सर-ए-किश्त-ए-व... मक़्सद-ए-ज़ीस्त ग़म-ए-इश्... >> बरसात का मज़ा तिरे गेसू दिखा गए अक्स आसमान पर जो पड़ा अब्र छा गए Share on: