बस एक ही बला है मोहब्बत कहें जिसे By Sher << ऐ शाम-ए-हिज्र-ए-यार मिरी ... एक मुद्दत से धधकता रहा मे... >> बस एक ही बला है मोहब्बत कहें जिसे वो पानियों में आग लगाती है आज भी Share on: