ऐ शाम-ए-हिज्र-ए-यार मिरी तू गवाही दे By Sher << हो बिजलियों का मुझ से जहा... बस एक ही बला है मोहब्बत क... >> ऐ शाम-ए-हिज्र-ए-यार मिरी तू गवाही दे मैं तेरे साथ साथ रहा घर नहीं गया Share on: