बस एक लंच ही मुमकिन था जल्दी जल्दी में By Sher << बस एक रात से कैसे थकन उतर... बारिशें उस का लब-ओ-लहजा प... >> बस एक लंच ही मुमकिन था जल्दी जल्दी में उसे भी जाना था मुझ को भी काम करना था Share on: