बारिशें उस का लब-ओ-लहजा पहन लेती थीं By Sher << बस एक लंच ही मुमकिन था जल... आ गिरा ज़िंदा शमशान में ल... >> बारिशें उस का लब-ओ-लहजा पहन लेती थीं शोर करती थी वो बरसात में झाँझर की तरह Share on: