बेगम भी हैं खड़ी हुई मैदान-ए-हश्र में By Sher << गोग्गल लगा के आँख पर चलने... इसी उम्मीद पर तो जी रहे ह... >> बेगम भी हैं खड़ी हुई मैदान-ए-हश्र में मुझ से मिरे गुनह का हिसाब ऐ ख़ुदा न माँग Share on: