भूल जावे साहिब-ए-इक़बाल अपनी सर-कशी By Sher << एक सौदाई एक हरजाई रोज़ मलते हैं मुँह पर अपन... >> भूल जावे साहिब-ए-इक़बाल अपनी सर-कशी उस को दिखलावे अगर मेरी बद-इक़बाली दिमाग़ Share on: