बिछड़ के तुझ से न देखा गया किसी का मिलाप By Sher << बिकता तो नहीं हूँ न मिरे ... तुझ से जुदा हुए तो ये हो ... >> बिछड़ के तुझ से न देखा गया किसी का मिलाप उड़ा दिए हैं परिंदे शजर पे बैठे हुए Share on: